कुछ सवाल हमेशा सवाल ही रहते है ...और कुछ रहस्य , रहस्य ही रह जाते है ...ऐसी ही एक कहानी है बड़े ही निर्दई राजा की , जिसके राज्य में बोलने की मनाही थी ,और सच बोलने की सजा तो मौत ही थी बस .....एक दिन वो राजा एक दरजी के पास गया और बोला मुझे ऐसी पोशाक बना के दो , जो सबसे अलग हो , बहुत ही हलकी हो , और दुनिया मे किसी और के पास न हो ...अन्यथा तुम्हे मृतु दंड दिया जायेगा ...बेचारा दरजी दिन भर परेशान रहा , न कुछ खा पाया, और न ही ठीक से सो पाया, ...सोचता रहा बनाना तो दूर अब तक सोच भी नहीं पाया की ऐसा क्या बनाऊ जो दुनिया मे किसी के पास न हो ?....धीरे धीरे सुबह हो गई , और राजा के दरबार से लोग दरजी को लेने आ गए , दरजी जल्दी से तैयार हो कर , पालकी मे बैठ कर राजा के दरबार पहुँच गया ....राजा बड़ी ही बेसब्री से अपनी पोशाक का इंतजार कर रहा था, तभी दरजी उसके पास पंहुचा और बोला कपडे उतारिये, मैं नई पोशाक पहनाता हूँ, राजा ने भरे दरबार मे कपडे उतार दिए , और दरजी ने उसे " हवा" की बनी शेरवानी पहना दी , जो असल में कुछ थी ही नहीं , और बोला "जहाँपना आप इस पोशाक में बहुत ही सुन्दर दिख रहे है और ऐसी पोशाक किसी और के पास है भी नहीं " ....ये सुनकर राजा बहुत ही प्रसन हुआ और अपने दरबार की तरफ मुड़ा .....राजा को देख कर सब दंग रह गए, क्यूंकि राजा न सिर्फ नंगा था , बलिक तख्त नशी की मदहोशी व् अराजता की आंधी में खुद को निवस्त्र देख पाने की शक्ति भी खो चूका था ....क्यूंकि सच बोलने की सजा मौत थी इसलिए किसी ने राजा को कुछ नहीं बताया , और नंगा राजा पूरा दिन सारे राज्य में नंगा घूमता रहा...और कोई कुछ नहीं बोला .....शाम को अचानक एक बच्चे की नज़र उस निवस्त्र राजा पे पड़ी , और वो जोर जोर से हंसने लगा , और बोला राजा नंगा है !!!!!!, और उस बच्चे की हंसी देख कर कुछ और लोग हंसने लगे .....राजा कुछ कहे बिना क्रोधित हो कर चला गया ...राजा की ख़ामोशी ने लोगो के दिलो मे हलचल पैदा कर दी ...और अगले ही दिन उस बच्चे समेत सारे लोग एक घर में लगी आग मे जलकर मर गए ...जिसका एक मात्र कारण बताया गया , घर के चूल्हे से निकली चिंगारी ..इसके आगे न हीं किसी की कुछ कहने की हिम्मत हुई , न करने की.......मेरा सवाल ये है , क्या नंगे राजा को नंगा कहना अपराध था ?.....और रहस्य ये है की अलग अलग घरो मे रहने वाले लोग , एक ही घर में जलकर कैसे मरे ? ...ये जीती जागती तस्वीर है , हमारी प्रशाशन व्यवस्था की , जिसकी नग्नता बताने वाले किसी भी जन साधारण को कुचल दिया जाता है ........
संध्या ...
संध्या ...
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