आईना मैं और अक्स मैं....
सोमवार, 2 अगस्त 2010
गर हिम्मत हो ....
इस ज़माने की अक्सर तल्खियो ने मुझे सिखाया है
क़ि गर हिम्मत हो तो ज़हर भी है एक चीज खाने की ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें