शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

नारी जीवन झूले की तरह


नारी जीवन झूले की तरह
इस पर कभी उस पर कभी ॥
आँखों में अंसुवन की धार कभी
मन में मधुर मुस्कान कभी ॥

4 टिप्‍पणियां:

  1. मै कहीं कवि ना बन जाउ....तेरे प्यार में ओ.............

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  2. बहुत सुन्दर शब्द चित्र..शुभकामनायें

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  3. बहुत बढ़िया,
    बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....

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  4. बहुत सुन्दर
    बहुत बढ़िया,
    humari sanskarti ki jhalak
    http://unluckyblackstar.blogspot.com/

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