बसेरा होगा कल , किसी और के आँगन में ,
क्यूँ ये रीत भगवान् ने बनाई होगी ........?
कहते है आज नहीं तो कल पराई होगी ...
देखकर जन्म पाल पोसकर जिसने हमे बड़ा किया ..
और वक़्त आया तो उन्ही हाथो ने हमे विदा किया ..
टूट कर बिखर जाती है हमारी जिन्दगी वही ...........
पर फिर भी उस बंधन में प्यार मिले ये जरुरी तो नहीं ....
क्यूँ रिश्ता हमारा इतना अजीब होता है ...
क्या बस यही हम बेटियों का नसीब होता है ...?