आईना मैं और अक्स मैं....
मंगलवार, 11 सितंबर 2012
दिल तू क्यों रोता है ..
ये जो गहरे सन्नाटे है , वक़्त ने सबको बांटे है ..थोडा ग़म है सबका किस्सा ..थोड़ी धुप है सबका हिस्सा .., आँख तेरी बेकार ही नम है ...हर पल एक नया मौसम है।।।
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