आईना मैं और अक्स मैं....
शनिवार, 7 मई 2011
एक सोच
अपनी जमी अपना आकाश पैदा कर ...
अपना अलग एक नया इतिहास पैदा कर ...
मांगने से जिन्दगी कब मिलती है ये दोस्त ..
अपने हर कदम में एक नया विश्वास पैदा कर ..
2 टिप्पणियां:
Arun sathi
7 मई 2011 को 7:19 pm बजे
wah wah wah wah wah wah wah ........
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संजय भास्कर
25 मई 2011 को 9:50 pm बजे
ला-जवाब" जबर्दस्त!!
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wah wah wah wah wah wah wah ........
जवाब देंहटाएंला-जवाब" जबर्दस्त!!
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