ummid hai ane wale samay me aur bhi achhi kavitaayen padhne ko milengi aapke blog par dhnyavad aur shubhkamnaayen
सुन्दर मनोभावों की अभिव्यक्तिएक शेर याद आ गया आपकी इस रचना को पढ कर"चुल्हे नहीं जले या कि बस्ती ही जल गई बहुत दिनों से कोई भी उठता नहीं धुंआ"
सुन्दर एहसासों से सजी
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सुन्दर मनोभावों की अभिव्यक्ति
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"चुल्हे नहीं जले या कि बस्ती ही जल गई
बहुत दिनों से कोई भी उठता नहीं धुंआ"
सुन्दर एहसासों से सजी
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